Showing posts with label Royal emblem of King Anangpal in Red Fort. Show all posts
Showing posts with label Royal emblem of King Anangpal in Red Fort. Show all posts

Thursday, October 29, 2015

दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ निर्मित नहीं,एक हिन्दू राजपूती निर्माण “लाल कोट”


दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ निर्मित नहीं,एक हिन्दू राजपूती निर्माण “लाल कोट” है
भारतीय इतिहास के मुग़ल काल का एक और झूठ“कि दिल्ली के लाल किला का निर्माण शाहजहाँ ने करवाया था”
~~~~~



सफ़ेद झूठ है वास्तव में यह “लाल किला” महाराजा
प्रथ्वीराज चौहान काल में लिखित “प्रथ्वीराज रासो” नामक काव्य में वर्णित “लाल कोट” ही है इसका निर्माण प्रथ्वीराज चौहान के नाना महाराजा अनंगपाल तोमर (द्वितीय) ने दिल्ली बसाने के क्रम में 1060 AD में करवाया था और महाराजा प्रथ्वीराज चौहान ने इसे पूरा कराया था।
~~~~~
शाहजहाँ ने इसे बनवाना तो दूर इसे अपना निर्माण सिद्ध करने के लिए इसमे हिन्दू साक्ष्यों और प्रतीकों को नष्ट करने और मिटाने का ही कार्य ही किया था इसके हिन्दू निर्माण होने के कुछ प्रमाण इस प्रकार हैं
~~~~~
1 – दिल्ली गेट पर दोनों ओर पूर्ण आकार के पत्थर
के दो हाथी स्थापित थे (चित्र नं 1) इनका निर्माण गज प्रेमी राजपूत राजाओं ही संभव हो सकता है शाहजहाँ द्वारा इन्हें तोडा गया होगा और इसके टूटे टुकड़े किसी तहखाने मे फेंक दिए गए होंगे
~
2 – दीवाने खास / प्रमुख महल में द्वार (गेट) पर सामने की ओर दो तलवारें ऊपर को रखी हुयी,उसके ऊपर फिर कलश,कमल और न्याय तुला (तराजू) सूर्य की परिधि में बनाए गए हैं तलवारों के सिरों पर दोनों ओर शंख कि आकृतियाँ बनी है ;ये तलवारें और न्याय तुला तोमर राजाओं का राज्य चिन्ह रहा है ये सब चिन्ह मुसलमानों द्वारा स्वीकार नहीं किये जा सकते थे
~
3 – दीवाने खास / प्रमुख महल के द्वार (गेट) पर
मेहराब में ऊपर की ओर सूर्य का चिन्ह बना है और उसके दोनों ओर ॐ कि आकृतियाँ बनी है ये भी हिन्दू धार्मिक चिन्ह हैं और मुसलमानों द्वारा निर्मित होने का खंडन करते है
~
4 – खास महल के प्रत्येक द्वार पर दरवाजों के कुंडों पर हाथी पर सवार महावत ढाले गए है ये भी मुस्लिम परम्परा विरोधी और हिन्दू निर्माण के समर्थक है
5 – ऊपर पेन्टिंग में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ को 1628 ईसवी में गद्दी पर बैठे हुए पर्शियन राजदूत का,दिल्ली के लाल किले के दीवाने आम में स्वागत करते हुए दिखाया गया है यह पेन्टिंग बोद्लियन Bodleian Library Oxford में सुरक्षित है और भारत में इलस्ट्रेटेड Illustrated weekly मार्च 14 ,1971 में page 32 पर छपी थी,मुग़ल बादशाह शाहजहाँ जिसे श्रेय दिया जाता है कि इन्होने 1638 ईसवी से 1648 ईसवी में लाल किला बनवाया था वही पेन्टिंग के अनुसार 1628 ईसवीं में गद्दी पर बैठे पर्शियन राजदूत का स्वागत करता दिख रहा है इस प्रकार शाहजहाँ अपनी गद्दी पर बैठने के समय लाल किले में ही उपस्थित था अतः
किला पहले से ही बना हुआ था और उसका लाल
किला के निर्माण कर्ता होने का प्रश्न ही नहीं उठता
~
6 – किले में एक स्थल “केसर कुंड” नाम से है जिसके फर्श पर कमल पुष्प अंकित है केसर और कुंड दोनों शब्द हिन्दू शब्दावली से हैं हिन्दू राजा केसर व पुष्पों से भरे जल स्थान जिन्हें कुंड कहते थे स्नान के लिए प्रयोग मे लाते थे यह भी हिन्दू निर्माण का प्रमाण है
 ~
7 – लाल किले में पीछे यमुना नदी की ओर का स्थल “राज घाट” के नाम से है यदि यह मुसलमान
निर्मित होता तो घाट का नाम “बादशाह घाट’ जैसा कुछ होता
~
8 – छतों से पानी गिराने के लिए जो ड्रेन पाईप के सिरे वराह (सुवर) के मुह से सजे है “वराह” (सुवर) हिन्दुओ में भगवन विष्णु का अवतार माना जाता है और मुसलमानों में एक घ्रणित वस्तु जिसे वे कभी न बनने देते
~
9 – लाल किला कुछ दूरी पर सम सामयिक निर्मित एक जैन मंदिर जिसे लाल मंदिर कहते है और एक गौरी शंकर मंदिर है क्या किला बनाते समय शाहजहाँ ये मंदिर बनने देता ,यह भी सिद्ध करता है ये दोनों मंदिर और लाल किला शाहजहाँ से पूर्व निर्मित हैं
~
10– तवारीखे फिरोज्शाही पेज 160 पर लिखा है कि अलाउद्दीन खिलजी 1296 AD में जब सेना के साथ दिल्ली पहुँछा तो कुश्क–ए-लाल यानि लाल महल में विश्राम किया तो वह लाल किला ही होगा जो कि 1296 AD से पहले ही मौजूद था
~
11 – लाल किले के अन्दर कोई ऐसा प्रमाण या शिला लेख नहीं मिला है जो यह प्रमाणित करे कि लाल किला शाहजहाँ का बनवाया था इस प्रकार हम देखते है कि लालकिला में अनेको साक्ष्य और चिन्ह बचे हैं वे सब यही प्रमाणित करते है कि यह हिन्दू निर्माण है और वही यह भी प्रमाणित करते हैं कि यह मुसलमानी इस्लामिक निर्माण नहीं है निश्चय ही यह ”लाल किला” शाहजहाँ से लगभग
500 वर्ष पूर्व महाराजा अनंगपाल तोमर द्वारा
1060 AD में बनवाया गया ” लाल कोट” ही है।

Tuesday, April 14, 2015

Red Fort was built by King Anagpal, Hindu King

Royal emblem of King Anangpal in Red Fort
------------------------------------------
The Red Fort in Delhi has in its Khas Mahal, alias the King’s apartment, the royal emblem of its builder King Anangpal. It consists of a pair of swords laid hilt to hilt curving upwards, the sacred Hindu pot (kalash) above the hilts, a lotus bud and a pair of scales of justice balanced over it. Dotted around are representations of the sun from whom Indian ruling dynasties claimed descent.

At the sword points are two small conches considered sacred in Hindu tradition. Bigger conches may be seen at the left and right corners at the base. This royal Hindu insignia of the Hindu king who built Delhi’s Red Fort, is still there in the Khas Mahal pavilion. But even this visual symbol has been blatantly misinterpreted. The two swords laid hilt to hilt, curving upward are being inadvertently styled by ignorant guides, archaeologists and historians as an Islamic crescent.

The sacred Hindu Kalash (water pot) on the hilts is never noticed. The lotus bud on the kalash represents royal wealth. The pair of scales is symbolic of impartial justice.