इंग्लैण्ड - इंग्लैण्ड के राजा/रानी का एंग्लीकेन चर्च का सदस्य होना अनिवार्य है। 24 बिशप व 2 आर्कविशप, संसद के उच्च सदन House of Lords के सदस्य मनोनित होते हैं।
इटली - वहाँ का संविधान कहता है कि "कैथोलिक मत के ईसाई तत्व ही सार्वजनिक शिक्षा की नींव और शिखर दोनों है" शिक्षकों और उपदेशकों को चर्च अधिकारियों की सम्मति लेनी पड़ती है, अन्यथा वे पद से बर्खास्त कर दिये जाते है।
पुर्तगाल- शि...क्षा चर्च के अधिकारियो की सम्मति से ही होनी अनिवार्य है।
कोलम्बिया - कैथोलिक मत के अतिरिक्त किसी भी अन्य को अपने पूजा घर से बाहर प्रचार की अनिमति नही है।
डेनमार्क - यहाँ का राष्ट्रीय चर्च लूथेरियन चर्च है। इसी चर्च को राज करने का अधिकार है और चर्च की सभी गतिविधियों के लिये धन सरकार द्वारा दिया जाता है।
नार्वे - राजा सदै लूथेरियन चर्च का अनुयायी होगा, आधे से अधिक मन्त्रियों का चयन चर्च करेगा। सभी विद्यालयो मे ईसाई मत की शिक्षा अनिवार्य है।
स्वीडन - ईसाईयों के अतिरिक्त अन्य मत के व्यक्तियों को अने बच्चों की शिक्षा के लिये विद्यालय चलाने पर प्रतिबन्ध है।
अमेरिका - वहाँ के न्यायालयों ने अमेरिका को ईसाई देश माना है। "अमेरिका के बहुसंख्यक लोगा ईसाई होने के कारण हमारे कानून और संस्थाएँ ईसा के उपदेशों से अनुप्राणित होनी चाहिए!" हमारी नीतियों का प्रारम्भ ईसाई मत द्वारा हुआ है। हमारी न्याय व्यवस्था की मूल चेतना वही है। सरकारी प्रशासन के पार्वभूमि में ईसाई मत है। कुल मिला कर ईसाई मत देश के कानून का हिस्सा है। - अमेरिकन चर्च लॉ0
एक प्रश्न
आखिर क्यों जब भारत मे हिन्दू विधि विधान से नैतिक शिक्षा, योग शिक्षा, दीप प्रज्ज्वल, सरसवती वंदना अथवा वंदेमातरम् आदि से सेकुलर छवि कैसे भ्रष्ट हो जाती है?
इटली - वहाँ का संविधान कहता है कि "कैथोलिक मत के ईसाई तत्व ही सार्वजनिक शिक्षा की नींव और शिखर दोनों है" शिक्षकों और उपदेशकों को चर्च अधिकारियों की सम्मति लेनी पड़ती है, अन्यथा वे पद से बर्खास्त कर दिये जाते है।
पुर्तगाल- शि...क्षा चर्च के अधिकारियो की सम्मति से ही होनी अनिवार्य है।
कोलम्बिया - कैथोलिक मत के अतिरिक्त किसी भी अन्य को अपने पूजा घर से बाहर प्रचार की अनिमति नही है।
डेनमार्क - यहाँ का राष्ट्रीय चर्च लूथेरियन चर्च है। इसी चर्च को राज करने का अधिकार है और चर्च की सभी गतिविधियों के लिये धन सरकार द्वारा दिया जाता है।
नार्वे - राजा सदै लूथेरियन चर्च का अनुयायी होगा, आधे से अधिक मन्त्रियों का चयन चर्च करेगा। सभी विद्यालयो मे ईसाई मत की शिक्षा अनिवार्य है।
स्वीडन - ईसाईयों के अतिरिक्त अन्य मत के व्यक्तियों को अने बच्चों की शिक्षा के लिये विद्यालय चलाने पर प्रतिबन्ध है।
अमेरिका - वहाँ के न्यायालयों ने अमेरिका को ईसाई देश माना है। "अमेरिका के बहुसंख्यक लोगा ईसाई होने के कारण हमारे कानून और संस्थाएँ ईसा के उपदेशों से अनुप्राणित होनी चाहिए!" हमारी नीतियों का प्रारम्भ ईसाई मत द्वारा हुआ है। हमारी न्याय व्यवस्था की मूल चेतना वही है। सरकारी प्रशासन के पार्वभूमि में ईसाई मत है। कुल मिला कर ईसाई मत देश के कानून का हिस्सा है। - अमेरिकन चर्च लॉ0
एक प्रश्न
आखिर क्यों जब भारत मे हिन्दू विधि विधान से नैतिक शिक्षा, योग शिक्षा, दीप प्रज्ज्वल, सरसवती वंदना अथवा वंदेमातरम् आदि से सेकुलर छवि कैसे भ्रष्ट हो जाती है?