Thursday, June 19, 2014

The Brutal Truth About Islam -Robert Spencer




The United States, India and Pakistan: To the Brink OF ATOMIC WAR-BROOKING INSTITUTION

PLIGHT OF HINDUS IN PAKISTAN

HINDU ANCESTRY OF KASHMIR AND PAKISTAN AS EXPOSED BY MUSLIM IN PAKISTAN

हिंदुस्थानमें धर्म-परिवर्तनका इतिहास

धर्म-परिवर्तनकी समस्या अर्थात् हिंदुस्थान एवं हिंदु धर्मपर अनेक सदियोंसे परधर्मियोंद्वारा होनेवाला धार्मिक आक्रमण ! इतिहासमें अरबीयोंसे लेकर अंग्रेजोंतक अनेक विदेशियोंने हिंदुस्थानपर आक्रमण किए । साम्राज्य विस्तारके साथ ही स्वधर्मका प्रसार, यही इन सभी आक्रमणोंका सारांश था । आज भी इन विदेशियोंके वंशज यही ध्येय सामने रखकर हिंदुस्तानमें नियोजनबद्धरूपसे कार्यरत हैं । यह पढकर धर्म-परिवर्तनकी समस्याके विषयमें हिंदु समाज जाग्रत हो तथा धर्म-परिवर्तनके विदेशी आक्रमणका विरोध कर सके, यही ईश्वरचरणोंमें प्रार्थना !

१. इस्लामी आक्रमणसे पूर्वका काल

       
ईसाई धर्मकी स्थापनाके पश्चात् प्रथम शताब्दीमें (वर्ष ५२ में) सेंट थॉमस नामक ईसाई धर्मोपदेशक हिंदुस्थानके केरल प्रांतमें आया और उसने वहां ईसाई धर्मका प्रचार आरंभ किया ।

२. इस्लामी सत्ताका काल

इस कालमें हिंदुओंका सर्वाधिक धर्म-परिवर्तन हुआ । उस कालमें कश्मीर, पंजाब, उत्तरप्रदेश और दिल्ली राज्यों सहित हिंदुस्थानमें सम्मिलित और आगे स्वतंत्र देश बने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कंबोडिया और ब्रह्मदेशके हिंदु धर्म-परिवर्तनसे सर्वाधिक प्रभावित हुए । इस कालमें धर्म- परिवर्तनके कार्यको आगे बढानेवालोंके नाम और उनके दुष्कृत्य आगे दिए हैं ।

२ अ. मुहम्मद कासिम

‘इतिहासकार यू.टी. ठाकुरने वर्ष ७१२ में हिंदुस्थानपर आक्रमण करनेवाले इस प्रथम इस्लामी आक्रमणकारीका कार्यकाल ‘सिंधके इतिहासका अंधकारपूर्ण कालखंड’, ऐसा वर्णन किया है । इस कालखंडमें सिंधमें बलपूर्वक धर्म-परिवर्तन, देवालयोंका विध्वंस, गोहत्या एवं हिंदुओंका वंशविच्छेद अपनी चरम सीमापर था । सर्व प्राचीन और आधुनिक इतिहासकारोंने स्पष्टरूपसे कहा है, ‘सिंधके हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन बलपूर्वक ही किया गया था ।’

२ आ. औरंगजेब

इसने दिल्ली हस्तगत करते ही हिंदुओंको मुसलमान बनाकर उन्हें इस्लामकी दीक्षा देनेकी शासकीय नीति बनाई और तदनुसार उसने लाखों हिंदुओंका धर्मांतरण किया । उसने छत्रपति शिवाजी महाराजके सेनापति नेताजी पालकर, जानोजीराजे पालकर आदि सरदारोंको भी धर्मांतरित किया । छत्रपति संभाजी महाराजका इस्लामीकरण करनेका भी उसने अंततक प्रयत्न किया; किंतु संभाजी महाराजके प्रखर धर्माभिमानके कारण वह निष्फल हुआ । स्वातंत्र्यवीर सावरकर लिखते हैं, ‘औरंगजेबने हिंदुओंको हर संभव उपाय अपनाकर धर्मांतरित करनेका प्रयत्न किया ।’

२ इ. टीपू सुलतान

‘दक्षिणके इस सुलतानने सत्ता हाथमें लेते ही भरी सभामें प्रतिज्ञा की, ‘सब काफिरोंको (हिंदुओंको) मुसलमान बनाऊंगा’ । उसने प्रत्येक गांवके मुसलमानोंको लिखितरूपसे सूचित किया, ‘सभी हिंदु स्त्री-पुरुषोंको इस्लामकी दीक्षा दो । स्वेच्छासे धर्मांतरण न करनेवाले हिंदुओंको बलात्कारसे मुसलमान बनाओ अथवा हिंदु पुरुषोंका वध करो और उनकी स्त्रियोंको मुसलमानोंमें बांट दो ।’ आगे टीपूने मलबार क्षेत्रमें एक लाख हिंदुओंको धर्मांतरित किया । उसने हिंदुओंका धर्म-परिवर्तन करनेके लिए कुछ कट्टर मुसलमानोंकी विशेष टोली बनाई । इस्लामका आक्रामक प्रचार करनेके कारण उसे ‘सुलतान’, ‘गाजी’, ‘इस्लामका कर्मवीर’ इत्यादि उपाधियां देश-विदेशके मुसलमान और तुर्किस्थानके खलीफाद्वारा दी गई ।’ - जयेश मेस्त्री, मालाड, मुंबई.

२ ई. सूफी फकीर

‘इन हिंदु साधुओंके समान आचरण करनेवाले कुछ कथित मुसलमान संतोंने हिंदुओंका बडी संख्यामें धर्म-परिवर्तन कराया । ‘हिस्टरी ऑफ सूफीज्म इन इंडिया’ (अर्थात् भारतमें सूफीवादका इतिहास) नामक पुस्तकके दो खंडोंमें इसकी जानकारी दी है ।’ - गुरुदेव डॉ. काटेस्वामीजी

२ उ. हैदराबादका निजाम

‘इसके अत्याचारी शासनकालमें सैनिकी अधिकारियोंने सहदााों हिंदुओंका लिंगाग्रचर्मपरिच्छेदन (सुन्नत) किया । धर्मांतरण को नकारनेवाले असंख्य हिंदुओंकी हत्या की गई । ‘अत्याचार कर मुसलमान बनाना’, यह वाक्प्रचार यहांके हिंदुओंने प्रत्यक्ष अनुभव किया ।’ - पत्रिका ‘हिंदूंनो, वाचा आणि थंड बसा’ (अर्थात् ‘हिंदुओ, पढो और शांत बैठो’) (९.८.२००४)

३. पुर्तगालियोंका शासनकाल

३ अ. हिंदुस्थानमें वास्को-डी-गामाके तुरंत पश्चात् ईसाई

मिशनरियोंका आना और यातना, बल एवं कपटद्वारा हिंदुओंको ईसाई बनाना

‘१४९८ में वास्को-डी-गामाके नेतृत्वमें पुर्तगालियोंने हिंदुस्थानकी धरती पर पैर रखा एवं ईसाइयोंके साम्राज्यवादी धर्ममतकी राजकीय यात्रा आरंभ हुई । वास्को-डी-गामाके तुरंत पश्चात् ईसाई धर्मका प्रचार करनेवाले मिशनरी आए । तत्पश्चात् ‘व्यापारिक दृष्टिकोणसे राज्यविस्तार’ इस सिद्धांतकी अपेक्षा ‘ईसाई धर्मका प्रचार’, यही पुर्तगालियोंका प्रमुख ध्येय बन गया । इससे धर्म-परिवर्तनकी प्रक्रिया आरंभ हुई । ईसाई मिशनरी रात्रिके समय घरके पिछवाडे स्थित कुंएमें पाव (डबलरोटी) डाल देते और प्रातःकाल लोगोंके पानी पीते ही कहते, ‘तुम ईसाई बन गए ।’ घबराए हुए हिंदु समझ बैठते कि वे फंस गए और ईसाई धर्मके अनुसार आचरण करने लगते । १५४२ में पुर्तगालके किंग जॉन द्वितीयने हिंदुओंके ईसाईकरण हेतु सेंट जेवियर नामक मिशनरीको भेजा । उसके आगमनके पश्चात् गोवामें हिंदु धर्मांतरण करें, इसके लिए उनपर ईसाई मिशनरियोंने अनन्वित अत्याचार किए

३ आ. सेंट जेवियरकी धर्म-परिवर्तनकी पद्धति !

सेंट जेवियर स्वयं अपनी धर्म-परिवर्तनकी पद्धतिके संदर्भमें कहता है, ‘एक माहमें मैंने त्रावणकोर राज्यमें १० सहदाासे अधिक पुरुषों, स्त्रियों एवं बच्चोंको धर्मांतरित कर उनके पुर्तगाली नाम रखे । बप्तिस्मा देनेके (ईसाई होनेके समय प्रथम जल व दीक्षा-स्नान, नामकरणसंस्कारके) पश्चात् मैंने इन नव-ईसाइयोंको अपने पूजाघर नष्ट करनेका आदेश दिया । इस प्रकार मैंने एक गांवसे दूसरे गांवमें जाते हुए लोगोंको ईसाई बनाया ।’ - श्री. विराग श्रीकृष्ण पाचपोर

३ इ. पुर्तगालियोंद्वारा हिंदुओंके धर्मांतरण हेतु किए अत्याचारोंके प्रतिनिधिक उदाहरण

‘१५६० में पोपके आदेशपर ईसाई साम्राज्य बढानेके उद्देश्यसे पुर्तगालियोंकी सेना गोवा पहुंची । उसने धर्मांतरण न करनेवाले हिंदुओंपर भयंकर अत्याचार करते हुए सहदााों हिंदुओंको मार डाला । धर्मांतरण न करनेवाले इन हिंदुओंको एक पंक्तिमें खडा कर उनके दांत हथौडीसे तोडना, हिंदुओंपर हुए अत्याचारोंका एक प्रातिनिधिक उदाहरण है ।’ - साप्ताहिक ‘संस्कृति जागृति’ (४ से ११ जुलाई २००४)

३ ई. छत्रपति शिवाजी महाराजद्वारा बार्देश (गोवा) क्षेत्रमें ईसाईकरण का षड्यंत्र नष्ट करना

आदिलशाहसे गोवाका बार्देश प्रांत छीन लेनेके पश्चात् पुर्तगालियोंने वहांके हिंदुओंका बलपूर्वक धर्मांतरण किया । धर्मांतरणको अस्वीकार करनेवाले ३ सहदाा हिंदुओंको ‘आजसे दो माहके भीतर धर्म-परिवर्तन करो, अन्यथा कहीं और चले जाओ’, ऐसा आदेश पुर्तगालियोंके गोवा स्थित वाइसरायने दिया । यह समाचार प्राप्त होते ही छत्रपति शिवाजी महाराजने वाइसरायके आदेशानुसार कार्यवाही होनेमें दो दिन शेष रहनेपर २० नवंबर १६६७ को बार्देश प्रांतपर आक्रमण किया और इस आदेशका उत्तर अपनी तलवारसे दिया ।

३ उ. हिंदुओंको छल-कपटसे ईसाई बनानेवाले पुर्तगाली पादरियोंको छत्रपति संभाजी महाराजकी फटकार !

‘छत्रपति संभाजी महाराजने गोवामें पुर्तगालियोंसे किया युद्ध राजनीतिकके साथ ही धार्मिक भी था । हिंदुओंका धर्मांतरण करना तथा धर्मांतरित न होनेवालोंको जीवित जलानेकी शृंखला चलानेवाले पुर्तगाली पादरियोंके ऊपरी वस्त्र उतारकर तथा दोनों हाथ पीछे बांधकर संभाजी महाराजने गांवमें उनका जुलूस निकाला ।’ - प्रा. श.श्री. पुराणिक (ग्रंथ : ‘मराठ्यांचे स्वातंत्र्यसमर (अर्थात् मराठोंका स्वतंत्रतासंग्राम’ डपूर्वार्ध़)

४. अंग्रेजोंका शासनकाल

४ अ. हिंदुस्थानमें हिंदुओंका ईसाईकरण

करनेकी अंग्रेजोंकी योजनाका जनक चार्ल्स ग्रांट !

‘१७५७ में ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’का बंगालमें राज्य स्थापित हुआ । तत्पश्चात् १८ वीं शताब्दीके अंतमें चार्ल्स ग्रांट नामक अंग्रेजने ‘हिंदुस्थानमें ईसाई धर्मका प्रचार किस प्रकार किया जा सकता है’, इस विषयमें आलेख ब्रिटिश संसदमें विलियम विल्बरफोर्स, कुछ अन्य सांसद और कैन्टरबरीके आर्चबिशपके पास भेजा । चार्ल्स ग्रांटके इस प्रस्तावपर ब्रिटिश संसदमें निरंतर आठ दिन चर्चा होनेके उपरांत ईसाई मिशनरियोंको धर्मप्रसारकी अनुमति दी गई ।’ - श्री. विराग श्रीकृष्ण पाचपोर
४ आ. ‘१८५७ के पूर्व हिंदुस्थानमें ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’के शासनकालमें मिशनरियोंद्वारा बलपूर्वक हिंदुओंका धर्मांतरण किया गया ।’ - शंकर द. गोखले, अध्यक्ष, स्वातंत्र्यवीर सावरकर साहित्य अभ्यास मंडल, मुंबई.

४ इ. १८५७ के स्वतंत्रता संग्रामके पश्चात् ईसाई मिशनरी

और ब्रिटिश साम्राज्यमें हिंदुओंके धर्मांतरणके विषयमें हुआ एकमत !

‘१८५७ के स्वतंत्रता संग्रामके पश्चात् ईसाई मिशनरी और ब्रिटिश साम्राज्यका संबंध अधिक दृढ हुआ । वर्ष १८५९ में ‘भारतमें ईसाई धर्मका प्रचार हम जितना शीघ कर पाएंगे, हमारे साम्राज्यके लिए हितकर होगा’, ऐसा लॉर्ड पामरस्टनने वैâन्टरबरीके आर्चबिशपसे कहा था ।’ - श्री. विराग श्रीकृष्ण पाचपोर
४ ई. धूर्त अंग्रेजोंने अपने शासनकालमें सत्ता, शिक्षा और सेवाके माध्यमोंसे धर्मप्रचार कर लोगोंको ईसाई बनानेका प्रयास किया ।’ - प.पू. स्वामी गोविंददेवगिरी महाराज (पूर्वके पू. किशोरजी व्यास)

४ उ. धर्म-परिवर्तन ही ब्रिटिश शिक्षाविद्

लॉर्ड मैकालेका हिंदुस्थानके विद्यालयोंके अंग्रेजीकरणका उद्देश्य !

‘अंग्रेजोंने हिंदुस्थानमें पैर जमानेके पश्चात् ‘हिंदुस्थानी लोगोंको किस भाषामें शिक्षा दी जाए’, इस संबंधमें विचार आरंभ किया । उस समय ब्रिटिश शिक्षाविद् लॉर्ड मैकालेने अपने कट्टर ईसाई धर्मवादी और धर्मप्रचारक पिताको पत्र लिखकर बताया, ‘अंग्रेजी भाषामें शिक्षा पानेवाला हिंदु कभी भी अपने धर्मसे एकनिष्ठ नहीं रहता । ऐसे अहिंदु आगे चलकर ‘हिंदु धर्म किस प्रकार निकृष्ट है तथा ईसाई धर्म किस प्रकार श्रेष्ठ है’, इसका दृढतापूर्वक प्रचार करते हैं एवं उनमेंसे कुछ लोग ईसाई धर्म अपनाते हैं ।’

४ ऊ. धर्म-परिवर्तन रोकनेके लिए छत्रपति

संभाजी महाराजद्वारा अंग्रेजोंसे की गई संधि (समझौता) !

‘वर्ष १६८४ में मराठा और अंग्रेजोंके मध्य संधि हुई । इस संधिमें छत्रपति संभाजी महाराजने अंग्रेजोंके सामने प्रतिबंध (शर्त) रखा, ‘मेरे राज्यमें दास (गुलाम) बनानेके लिए अथवा ईसाई धर्ममें धर्मांतरित करनेके लिए लोगोंको क्रय करनेकी अनुमति नहीं ।’ - डॉ. (श्रीमती) कमल गोखले (ग्रंथ : ‘शिवपुत्र संभाजी’)

५. स्वतंत्रता और स्वतंत्रताके पश्चात्का काल

५ अ. ‘मुस्लिम लीग’के ‘प्रत्यक्ष कार्यवाही दिन योजना’के परिपत्रकमें हिंदुओंको बलपूर्वक धर्मांतरित करनेकी आज्ञा होन ‘मुस्लिम लीग’ने १६.८.१९४६ को मुसलमानोंको, ‘प्रत्यक्ष कार्यवाही योजना’के विषयमें जानकारी देनेवाला परिपत्रक प्रकाशित किया । उसमें मुसलमानोंको दी गई अनेक आज्ञाओंमेंसे एक आज्ञा थी, ‘हिंदु स्त्रियों और लडकियोंपर बलात्कार करो तथा भगाकर उनका धर्म-परिवर्तन करो ।’

५ आ. नेहरूके कार्यकालमें ईसाईकृत धर्म-परिवर्तनको प्राप्त राज्याश्रय

५ आ १. स्वतंत्रता प्राप्तिके पश्चात् ईसाइयोंको धर्मप्रचारकी स्वतंत्रता देनेवाले नेहरू !
‘देश स्वतंत्र होनेके पश्चात् प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूने ईसाई मिशनरी संगठनोंको भारतीय संविधानके अनुच्छेद ‘२५ अ’ के अंतर्गत धर्मप्रचारकी स्वतंत्रता प्रदान की । फलस्वरूप स्वतंत्रतापूर्व भारतमें ईसाइयोंकी जो संख्या ०.७ प्रतिशत थी, वह आज लगभग ६ प्रतिशत हो गई है ।’ - श्री. विराग श्रीकृष्ण पाचपोर
५ आ २. गेहूं बेचनेपर ईसाइयोेंके लिए धर्मप्रचार करनेकी अनुमति मांगनेवाली ईसाई अमरीका और उसे अनुमति देनेवाले नेहरू !
‘स्वतंत्रताके पश्चात् देशमें खाद्यान्नका भीषण अभाव हो गया । देशकी आर्थिक स्थिति ठीक न होनेके कारण रूसने, जहां वस्तुओंका आदान-प्रदान करना (Barter System), इस नीतिके अनुसार देशको गेहूंकी आपूर्ति की । वहीं अमरीकाने गेहूं बेचनेके लिए कुछ बंधनकारी नियम बनाए । उनमें पहला प्रतिबंध (शर्त) था, ‘ईसाई मिशनरियोंको हिंदुस्थानमें धर्मप्रचारकी छूट दी जाए’ । इस नियमका अनेक लोगोंने विरोध किया । इसपर नेहरूने न्या. भवानीशंकर नियोगीकी अध्यक्षतामें एक समिति नियुक्त की । ‘समस्या केवल धर्मप्रचारकी नहीं, अपितु उसके द्वारा होनेवाले धर्म-परिवर्तनका भी सूत्र विचार करने योग्य है’, यह न्या. नियोगीके कहनेके पश्चात् भी गेहूं प्राप्त करनेके लिए अमरीकाका नियम स्वीकारकर संविधानकी ‘धारा ४८०’ में तदनुसार व्यवस्था की गई । तबसे ईसाई धर्मका प्रचार, अर्थात् ईसााईकृत धर्म-परिवर्तन मुक्तरूपसे चल रहा है ।’ - श्री. वसंत गद्रे
५ आ ३. ‘धर्मप्रचारके पीछे ईसाई चर्च और मिशनरी संगठनोंका राजनीतिक उद्देश्य है’, ऐसा सप्रमाण कहनेवाली शासनद्वारा नियुक्त समितिके प्रतिवेदनकी अनदेखी करनेवाले नेहरू !
‘ईसाई मिशनरी संगठनोंके कार्यकी जांच करनेके लिए १९५५ में तत्कालीन मध्यप्रदेश शासनने न्या. भवानीशंकर नियोगीकी अध्यक्षतामें समिति बनाई थी । उस समितिने अपने प्रतिवेदनमें अनेक उदाहरण और प्रमाणके साथ स्पष्टरूपसे उल्लेख किया था, ‘धर्मप्रचारके पीछे ईसाई चर्च एवं मिशनरी संगठनोंका राजनीतिक उद्देश्य है’ और अनुशंसा की थी, ‘उन्हें मिलनेवाली विदेशी धनकी सहायता बंद की जाए’ । नेहरू शासनने उस प्रतिवेदनको कूडेदानमें फेंक दिया ।’

५ इ. इंदिरा गांधीके शासनकालमें अमरीकी ईसाज

संस्थाओंद्वारा धर्म- परिवर्तनके कार्यको गति प्रदान करना

स्वतंत्रताके पश्चात् इंदिरा गांधीने ४२ वें संविधान संशोधनके द्वारा संविधानमें ‘धर्मनिरपेक्ष’ यह शब्द लाया । तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतको शासकीय स्तरपर बढावा मिलनेके पश्चात् अनेक अमरीकी संस्थाओंने हिंदुस्थानमें ईसाई धर्मप्रचार एवं धर्म-परिवर्तन की गति बढाई ।

५ ई. वर्तमानमें सोनिया गांधीका राजनीतिके सर्वोेच्च

पदपर होनेके कारण धर्म-परिवर्तनको अत्यधिक गति प्राप्त होना

‘ईसाई सोनिया गांधी राजनीतिमें सर्वोच्च पदपर होनेके कारण ही हिंदुस्थानमें ईसाइयोंने हिंदुओंके धर्म-परिवर्तनको व्यापक आंदोलनके रूपमें आरंभ किया । इस कार्यमें देशके विविध राज्योंमें ४ सहदाासे अधिक ईसाई मिशनरी सक्रिय हैं ।’ - फ्रान्सुआ गोतीए, फ्रेंच पत्रकार
संदर्भ : हिंदू जनजागृति समिति’द्वारा समर्थित ग्रंथ 'धर्म-परिवर्तन एवं धर्मांतरितोंका शुद्धिकरण'
 

FACTS ABOUT HUNGER AND POVERTY.

Know Your World: Facts About Hunger and Poverty.

It is more gap than real poverty. Stock market helps greedy become more greedy. People with billions getting more billions and stoling from country to some countries WHO ALLOWS LIKE SWISS AND MANY SO CALLED DEVELOPED EUROPEAN countries. It is more widening disparity that is problem . So called religion, especially Islamic is playing havoc in war torn countries and do not let it develop.For example ,coubtries in middle east like Iraq should not have poor as it was number #2 in world producing oil but greed and cult religion succombed people of not only they are poor but fighting for survival.As always USA helps per se but whereever they are , either helped terrorist countries like Saudi, Qatar to help spread terrorism and make country in disater,examples from Vietnam,Afganistan,Iraq. I know USA or any country goes for national interest as they always say, does not matter else. Saudis kind and their families have more than >1.13 trillion dollars in their bank account stashed outside country,helping Alkaida to spread terrorism  and kind of slavary all SAUDI in name of religion or cult per se.
India has 1400 billions in SWISS BANK AS BLACK MONEY from all leaders and big companies and its people are POOR. POOR INDIA. Although first time in more than 400 years,people have little hope if MODI could bring BLACK MONEY back to India.
Even in USA -one of 5 people is living in food stamps,so poor and in UK  ( click -here)same story. The Poverty and Social Exclusion project, based on interviews with more than 14,500 people in Britain and Northern Ireland carried out by eight universities and two research agencies, reported:

* More than 500,000 children live in families who cannot afford to feed them properly

* 18 million people cannot afford adequate housing conditions

* 12 million people are too poor to engage in common social activities.

* About 5.5 million adults go without essential clothing
 SO BASICALLY BILLIONARIES RUN ALL WORLD IN NAME OF TERRORISM,RELIGION AND IN MANY NAMES AND PEOPLE ,REST OF THEM ARE BLIND WITH TWO EYES.
 

World Population

  • 7 billion1

World Hunger

  • 842 million people - or one in eight people in the world - do not have enough to eat. 2
  • 98% of the world's undernourished people live in developing countries.2
  • Where is hunger the worst?
    • Asia: 552 million2
    • Sub-Saharan Africa: 223 million2
    • Latin America and the Caribbean: 47 million2
Aiming at the very heart of hunger, The Hunger Project is currently committed to work in Bangladesh, Benin, Burkina Faso, Ethiopia, India, Ghana, Malawi, Mexico, Mozambique, Peru, Senegal and Uganda.

Women and Children

  • 60 percent of the world's hungry are women.2
  • 50 percent of pregnant women in developing countries lack proper maternal care, resulting in 240,000 maternal deaths annually from childbirth.3
  • 1 out of 6 infants are born with a low birth weight in developing countries.4
  • Poor nutrition causes nearly half (45%) of deaths in children under five - 3.1 million children each year. That is 8,500 children per day.6
  • A third of all childhood death in sub-Saharan Africa is caused by hunger.5
  • 66 million primary school-age children attend classes hungry across the developing world, with 23 million in Africa alone.6
  • Every 10 seconds, a child dies from hunger-related diseases.5
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Tuesday, June 17, 2014

Dr. Oz , A SCAMMER GRILLED BY SENATORS PROMOTING BOGUS 'miracle' weight loss SUPPLEMENTS

Dr. Mehmet Oz, host of "The Dr. Oz Show," was grilled Tuesday by senators on Capitol Hill about the promotion of weight loss products on his show. Sen. Claire McCaskill, chairwoman of the subcommittee on Consumer Protection, Product Safety, and Insurance, led the panel that looked at false advertising for weight loss products. Subcommittee members took issue with claims Oz has made on his show about products that don't have a lot of scientific evidence to back them up, such as green coffee beans. "The scientific community is almost monolithic against you in terms of the efficacy of the three products you called 'miracles,'" said McCaskill, a Missouri Democrat. She said she was discouraged by the "false hope" his rhetoric gives viewers and questioned his role, "intentional or not, in perpetuating these scams." "I don't get why you need to say this stuff when you know it's not true. When you have this amazing megaphone, why would you cheapen your show?... With power comes a great deal of responsibility."

  • In May, the Federal Trade Commission sued the sellers of Green Coffee Beans for deceiving consumers through fake news sites and invented health claims. The FTC said that weeks after "The Dr. Oz Show" promoted the benefits of Pure Green Coffee, some companies that marketed the product used video from his show to increase sales.
  • The FTC told CNN Senior Medical Correspondent Elizabeth Cohen that there are just "too many" of these products to sue them all. But consumers should be wary of certain phrases that are most certainly false, the FTC said, including any that claim to help you lose weight without diet and exercise.
  • Bottom line -- don't believe everything you see. Do your homework online and make sure any claim about a weight loss product is backed up by scientific evidence.