ll 'अल-तकिया' ll
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गजवा-ए-हिन्द (हिन्दुस्तान को मुग्लिस्तान बनाना मकसद)
* इसने इस्लाम के प्रचार प्रसार में जितना योगदान दिया है उतना इनकी सैंकड़ों हजारों कायरों की सेनायें नहीं कर पायीं ।
* इस अचूक हथियार का नाम है "अल - तकिया" ।
** आज मै आपको इसके बारे में बताने जा रहा हूँ भाईयों इग्नोर न करना ध्यान से जरुर पढ़ना **
--> ये " अल तकीय " जिहाद का सबसे खतरनाक रूप है ये एक मीठा जहर है यह " अल तकिया " सभी तरह के जिहादों का समावेस है जैसे की --
● लव जिहाद ,
● भक्ती जिहाद,
● ब्लोगिंग जिहाद,
● भाषा जिहाद,
● सांस्कृतिक जिहाद
इसमे न जाने कौन कौन और किस किस तरह के सैकड़ों जिहाद और भी सामिल है
--> अल- तकिया के अनुसार यदि इस्लाम के प्रचार , प्रसार अथवा बचाव के लिए किसी भी प्रकार का झूठ, धोखा , द्वेष अपने वादे से मुकर जाना काफिरों (हिन्दू) का विस्वास जितना और उनको घात लगाकर पीछे से हमला करना यहाँ तक की कुरआन की झूठी कसमे खाना - सब धर्म स्वीकृत है । और ये इनके अल्लाह का फरमान है
--> इस प्रकार अल - तकिया ने मुसलामानों को सदियों से बचाए रखा है ।
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मुसलमानों के विश्वासघात के अन्य उदाहरण --->
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1 -मुहम्मद गौरी ने 17 बार कुरआन की कसम खाई थी कि भारत पर हमला नहीं करेगा, लेकिन हमला किया ।
2 -अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तोड़ के राणा रतन सिंह को दोस्ती के बहाने बुलाया फिर क़त्ल कर दिया ।
3 -औरंगजेब ने शिवाजी को दोस्ती के बहाने आगरा बुलाया फिर धोखे से कैद कर लिया ।
4 -औरंगजेब ने कुरआन की कसम खाकर शिखों के गुरु श्री गोविन्द सिघ जी को आनंद पुर से सुरक्षित जाने देने का वादा किया था.
फिर पीछे से हमला किया था और निर्मम हत्या की थी
5 -अफजल खान ने दोस्ती के बहाने
शिवाजी की ह्त्या का प्रयत्न किया था ।
6-मित्रता की बातें कहकर पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला किया था ।
सावधान रहें और अपने आस पास नजर बनाएं रखें
धन्यवाद जय श्रीराम