Friday, January 8, 2016

Chandragupta Maury's

भारत का सम्राट
5000 साल पहले महाभारत में "भारत वर्ष" का जिक्र था
राजा भरत के वंशजो का देश "भारत वर्ष", जो की कई छोटे छोटे खंडो में बंटा हुआ था, हस्तिनापुर, अवध, मगध, काम्पिल्य, इंद्रप्रस्त, गांधार, अंग इत्यादि

हर खंड में किसी किसी का राज था, समय बीतते बीतते धनानंद का समय आया, जो की भारत के सबसे बड़े खंड और शक्तिशाली मगध का महाराज था, जिसने जिसके पिता ने क्षत्रिय राज को समाप्त कर शुद्र राज किया था

धनानंद बेहद ही हवसी, और दुष्ट राजा हुआ, जिसने मगध और आस पास के राज्यों में आतंक मचा रखा था

तभी यूरोप से एक आक्रांता सिकंदर पर्शिया को रौंदता हुआ और लाखो का क़त्ल करता हुआ
भारत की ओर बढ़ रहा था, जिसने इतिहास के सबसे पहले गद्दार आंभी कुमार को खरीद लिया था
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मगध का एक पुत्र चाणक्य, दौड़ा धनानंद के पास आया, धनानंद से विनती की, भारत पर होने वाला है विदेशी आक्रमण
भारत को बचा लो, दुष्ट और घमंडी धनानंद ने पैर से मारकर चाणक्य को निकाल दिया

रस्ते में आते चाणक्य ने एक 7 साल के गरीब लड़के को देखा, जो अपने मित्रो के साथ जंगल में खेल रहा था
चाणक्य की सरस्वती दृष्टि ने वहीँ भारत के पहले सम्राट को पहचान लिया

चाणक्य ने मुरा से मांग लिया उसका एकलौता बेटा चन्द्रगुप्त और भारत का पहला उपनाम दिया
चन्द्रगुप्त मौर्य, इस से पहले भारत में कोई उपनाम नहीं हुए
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7 साल का चन्द्रगुप्त माँ से बिछड़ हज़ारो किलोमीटर दूर तक्षिला चला गया, वहां गुरु भक्ति की और दुनिया का सर्वश्रेष्ठ योद्धा बना, वापस आया पाटलिपुत्र मार कर राक्षस धनानंद को आज़ाद कराया मगध को

गुरु ने दिया आदेश, भारत को एक देश बनाओ, जो भारत में स्वयं मिल गया वो मिल गया
जो नहीं मिला, चन्द्रगुप्त की तलवार ने उसे भारतीय बना दिया
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विदेशी सिकंदर का गुलाम सेलेकुस सिकंदर से भी बड़ी सेना लेकर भारत पर हमला करने आया पर अब मगध नहीं
अब भारत एक देश बन चूका था, और गद्दार आंभी कुमार जैसे राजा नहीं सिर्फ एक सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य था

सेलकुस आया बड़ी सेना लेकर परंतु गया काले चन्द्रगुप्त को अपनी बेटी देकर
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चन्द्रगुप्त जिसने 22 सालों तक राज किया , सिर्फ 41 की उम्र में गुरु से कहा, अब सन्यास लेना है
गुरु ने कारण पूछा, चन्द्रगुप्त ने कहा अब देश सुरक्षित है, मैं जंगल का रहने वाला था वापस वहीँ जाना है

गुरु ने भी आज्ञा दे दी, गुरु चरणों और पुत्र बिन्दुसार को भारत सौंप कर सम्राट निकल गया नंगे पैर और हाथ में सिर्फ 1 जोड़ी कपडा लेकर जंगल में, न उस सम्राट के जैसा कोई हुआ , जबतक भारत है तबतक कोई न हो सकेगा

चन्द्रगुप्त मौर्य, हर भारतीय का राजा, हमारा स्वामी , ये देश है उसका, जिसे नेहरू ने बाँट दिया

हमारे राजा की आत्मा है दुखी, उसके बच्चे देश नहीं संभाल पाये, जबतक अधूरे भारत को पुनः नहीं फिर से भारत बनाया जाता तबतक हमारे महाराज चन्द्रगुप्त की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी

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जय हिन्द, जय सीताराम, जय जय भारत के स्वामी हमारे सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य

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