इतिहास के नाम पर झूठ क्यों
क्या आप जानते हैं कि दिल्लीके लालकिले का रहस्य क्या है और इसे किसने बनवाया था ?
दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले पृथवीराजचौहान द्वारा बनवाया हुआ लाल कोट
दिल्ली का लाल किला शाहजहाँ से भी कई शताब्दी पहले पृथवीराजचौहान द्वारा बनवाया हुआ लाल कोट
अक्सरहमें यह पढाया जाता है कि दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ ने बनवाया था | लेकिनयह एकसफ़ेद झूठ है और दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ के जन्म से सैकड़ों साल पहले”महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय” द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में हीबनाया गया था|
महाराज अनंगपाल तोमर और कोई नहीं बल्कि महाभारत के अभिमन्यु के वंशज तथा महाराजपृथ्वीराज चौहान के नाना जी थे| इतिहासके अनुसार लाल किला का असली नाम “लाल कोट” है, जिसे महाराज अनंगपालद्वितीय द्वारा सन 1060 ईस्वी में दिल्ली शहर कोबसाने के क्रम में ही बनवाया गया था जबकि शाहजहाँ का जन्म ही उसके सैकड़ों वर्षबाद 1592 ईस्वी में हुआ है|
दरअसल शाहजहाँ नमक मुसलमान ने इसे बसाया नहीं बल्कि पूरी तरह से नष्टकरने की असफल कोशिश की थी ताकि, वो उसकेद्वारा बनाया साबित हो सके लेकिन सच सामने आ ही जाता है| इसका सबसे बड़ा प्रमाण तोयही है कि तारीखे फिरोजशाही के पृष्ट संख्या 160 (ग्रन्थ ३) में लेखक लिखता हैकि सन 1296 के अंत में जब अलाउद्दीन खिलजी अपनी सेना लेकरदिल्ली आया तो वो कुश्क-ए-लाल ( लाल प्रासाद/ महल ) कि ओर बढ़ा और वहां उसने आरामकिया| सिर्फइतना ही नहीं अकबरनामा और अग्निपुराण दोनों ही जगह इस बात के वर्णन हैं कि महाराजअनंगपाल ने ही एक भव्य और आलिशान दिल्ली का निर्माण करवाया था|
जिसकोशाहजहाँ ने पूरी तरह से नष्ट करने की असफल कोशिश करी थी ताकि वो उसके द्वारा बनायासाबित हो सके..लेकिन सच सामने आ ही जाता है.
* इसके पूरे साक्ष्य प्रथवीराज रासोसे मिलते है .
* शाहजहाँ से 250 वर्ष पहले1398 मे तैमूर लंग ने पुरानीदिल्ली का उल्लेख करा है (जो की शाहजहाँ द्वारा बसाई बताई जाती है)
* सुअर (वराह) के मुह वालेचार नल अभी भीलाल किले के एक खास महल मे लगे है. क्या ये शाहजहाँ के इस्लाम का प्रतीक चिन्ह हैया हमारे हिंदुत्व के प्रमाण??
* किले के एक द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित हैराजपूत राजा लोग गजो( हाथियों ) के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे ( इस्लाममूर्ति का विरोध करता है)
* दीवाने खास मे केसर कुंडनाम से कुंड बना है जिसके फर्श पर हिंदुओं मे पूज्य कमल पुष्प अंकित है, केसर कुंड हिंदू शब्दावलीहै जो की हमारे राजाओ द्वारा केसर जल से भरे स्नान कुंड के लिए प्रयुक्त होती रहीहै
* मुस्लिमों के प्रिय गुंबद या मीनार का कोई भी अस्तित्वनही है दीवानेखास और दीवाने आम मे.
* दीवानेखास के ही निकट राज की न्याय तुलाअंकित है , अपनी प्रजा मे से 99 % भाग को नीच समझने वाला मुगलकभी भी न्याय तुला की कल्पना भी नही कर सकता, ब्राह्मानोद्वारा उपदेशित राजपूत राजाओ की न्याय तुला चित्र से प्रेरणा लेकर न्याय करनाहमारे इतिहास मे प्रसीध है .
* दीवाने ख़ास और दीवाने आम की मंडप शैलीपूरी तरह से 984 के अंबर के भीतरी महल(आमेर–पुराना जयपुर) से मिलती है जो की राजपूताना शैली मे बना हुवा है .
* लाल किले से कुछ ही गज की दूरी परबने देवालय जिनमे से एक लाल जैन मंदिर और दूसरा गौरीशंकार मंदिर दोनो ही गैरमुस्लिम है जो की शाहजहाँ से कई शताब्दी पहले राजपूत राजाओं ने बनवाए हुए है.
* लाल किले का मुख्या बाजार चाँदनी चौककेवल हिंदुओं से घिरा हुआ है, समस्तपुरानी दिल्ली मे अधिकतर आबादी हिंदुओं की ही है, सनलिष्ट और घूमाओदार शैली के मकान भी हिंदू शैलीके ही है
..क्याशाजहाँ जैसा धर्मांध व्यक्ति अपने किले के आसपास अरबी, फ़ारसी, तुर्क, अफ़गानी के बजे हमहिंदुओं के लिए मकान बनवा कर हमको अपने पास बसाता ???
* एक भी इस्लामी शिलालेख मेलाल किले का वर्णन नही है
*”” गर फ़िरदौस बरुरुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्ता, हमीं अस्ता, हमींअस्ता””–अर्थात इस धरती पे अगर कहीं स्वर्ग है तो यही है, यही है, यही है….
इसअनाम शिलालेख को कभी भी किसी भवन का निर्मांकर्ता नही लिखवा सकता ..और ना ही येकिसी के निर्मांकर्ता होने का सबूत देता है
इसकेअलावा अनेकों ऐसे प्रमाण है जोकी इसके लाल कोट होने का प्रमाण देते है, और ऐसेही हिंदू राजाओ के सारे प्रमाण नष्ट करके हिंदुओं का नाम ही इतिहास से हटा दियागया है, अगरहिंदू नाम आता है तो केवल नष्ट होने वाले शिकार के रूप मे……ताकि हम हमेशा हीअहिंसा और शांति का पाठ पढ़ कर इस झूठे इतिहास से प्रेरणा ले सके…
इसअनाम शिलालेख को कभी भी किसी भवन का निर्मांकर्ता नही लिखवा सकता ..और ना ही येकिसी के निर्मांकर्ता होने का सबूत देता है
इसकेअलावा अनेकों ऐसे प्रमाण है जोकी इसके लाल कोट होने का प्रमाण देते है, और ऐसेही हिंदू राजाओ के सारे प्रमाण नष्ट करके हिंदुओं का नाम ही इतिहास से हटा दियागया है, अगरहिंदू नाम आता है तो केवल नष्ट होने वाले शिकार के रूप मे……ताकि हम हमेशा हीअहिंसा और शांति का पाठ पढ़ कर इस झूठे इतिहास से प्रेरणा ले सके…
सही है ना ???..लेकिन कबतक अपने धर्म को ख़तम करने वालो कीपूजा करते रहोगे और खुद के सम्मान को बचाने वाले महान हिंदू शासकों के नाम भुलातेरहोगे..
ऐसे ही….??????? –
1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर…जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ???
(जबकि ये बात सभी जानते हैं कि…. सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते
हुये ही लड़ने से मना कर दिया था.. बहुत ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था…. जिस कारण , सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकशकि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)
2. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर………अकबर “””महान””” कैसे हो गया…???(जबकि, अकबर अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था…. यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियो और बहनोँ की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि.. महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था)
3. सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय”””राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली …… ???जबकि साक्ष्य बताते हैं कि जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक ….महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था)
4. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वो………. क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..????
5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… ….गांधी को महात्मा बोलकर हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…??????
6. तेजोमहालय- ताजमहल……… ..लालकोट- लाल किला……….. फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा…….. एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली(महरौली) स्थित वेधशाला- कुतुबमीनार….. ……… क्यों और कैसे हो गया….?????
7. यहाँ तक कि….. राष्ट्रीय गान भी…..संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक””जन-गण-मन हो गया”” कैसे और क्यों हो गया….??????
8. और तो और…. हमारे अराध्य भगवान् राम..कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये……… पता ही नहीं चला……….आखिर कैसे ????
9. यहाँ तक कि…. हमारे अराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या …. भी कब और
कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला….!
कहने का मतलब ये है कि….. हमारे दुश्मन सिर्फ….बाबर , गजनवी , लंगड़ा तैमूरलंग…..ही नहीं हैं…… बल्कि आज के सफेदपोश सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं…. जिन्होंने हम हिन्दुओं के अन्दर हीन भाबना का उदय कर सेकुलरता का बीज उत्पन्न किया ।
ऐसे ही….??????? –
1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर…जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ???
(जबकि ये बात सभी जानते हैं कि…. सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते
हुये ही लड़ने से मना कर दिया था.. बहुत ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था…. जिस कारण , सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकशकि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)
2. महाराणा प्रताप “”महान””” ना होकर………अकबर “””महान””” कैसे हो गया…???(जबकि, अकबर अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था…. यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियो और बहनोँ की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि.. महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था)
3. सवाई जय सिंह को “””महान वास्तुप्रिय”””राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली …… ???जबकि साक्ष्य बताते हैं कि जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक ….महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था)
4. जो स्थान महान मराठा क्षत्रिय वीर शिवाजी को मिलना चाहिये वो………. क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..????
5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… ….गांधी को महात्मा बोलकर हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…??????
6. तेजोमहालय- ताजमहल……… ..लालकोट- लाल किला……….. फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा…….. एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली(महरौली) स्थित वेधशाला- कुतुबमीनार….. ……… क्यों और कैसे हो गया….?????
7. यहाँ तक कि….. राष्ट्रीय गान भी…..संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक””जन-गण-मन हो गया”” कैसे और क्यों हो गया….??????
8. और तो और…. हमारे अराध्य भगवान् राम..कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये……… पता ही नहीं चला……….आखिर कैसे ????
9. यहाँ तक कि…. हमारे अराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या …. भी कब और
कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला….!
कहने का मतलब ये है कि….. हमारे दुश्मन सिर्फ….बाबर , गजनवी , लंगड़ा तैमूरलंग…..ही नहीं हैं…… बल्कि आज के सफेदपोश सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं…. जिन्होंने हम हिन्दुओं के अन्दर हीन भाबना का उदय कर सेकुलरता का बीज उत्पन्न किया ।
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