Saturday, October 31, 2015

इतिहास की अनकही कहानिया(The untold story of history)-HOW AKBAR DIED

इतिहास की अनकही कहानिया(The untold story of history)

मित्रो इतिहास मे कई वीरो की गाथाए है जो खो गई है ओर कई वीरो की वीरता के कार्यो का श्रेय किसी दूसरे को दिया गया लेकिन यहा यह लेख कोई वीर या वीरता की गाथा को नही है बल्कि एक महान प्रेम कहानी को सम्प्रित है|
भारत देश मे हीर रांझा,सलीम अनारकली,शाहजहा मुमताज कई प्रेमियो की कहानिया प्रसिध्द है तो कई इतिहास मे दबी पडी है|
इनमे से एक महान प्रेम कहानी है शहजादा सलीम(जहागीर) ओर मेहरू की
मेहरू का पूरा नाम मेहरून्निया था ओर वो एक विवाहित महिला थी जिसकी एक कन्या भी थी लेकिन शहजादा सलीम इस शादी शुदा औरत से दिलो जान से मुहब्बत करता था| इतना प्रेम करता था कि उसके अपने पिता अकबर से भी मतभेद हो गया था क्युकि अकबर ने सलीम से मेहरू का निकाह नही किया था बल्कि उसका निकाह शेर अफगान से कर दिया था इसलिए सलीम चाहता था कि किसी तरह अकबर को गद्दी से उतार कर खुद बादशाह बन मेहरू से निकाह कर लू|
लेकिन अकबर प्यार मे विश्वास नही करता था उसका मानना था कि सुन्दर स्त्रिया भोगने के लिए होती है गले बाधने के लिए नही|
सन १६०४ ईस्वी मे अकबर आगरा मे इतना बीमार पड गया था कि उसे दस्त ओर पेट मे ऐंठन होने लगी थी उसका समय निकट आ गया था| उसे किसी को अपनी गद्दी ओर राजपाठ का उत्तराधिकारी घोषित करना था,अकबर के सलीम से मतभेद तो थे लेकिन फिर भी उसकी इच्छा थी कि सलीम ही मुगल सल्तन्त का बादशाह बने|लेकिन मानसिह का सलीम से इतना मतभेद हो गया था कि मानसिह सलीम को जान से मार देता लेकिन उसकी बहन को उसने सलीम के प्राणदान का वचन दिया था ,मानसिंह चाहता था कि सलीम का भाई खुसरो बादशाह बने इस तरह सलीम के बादशाह बनने मे सबसे बडा काटा मानसिह ही था | अकबर की चाह थी कि सलीम ही बादशाह बने लेकिन मानसिह रूकावट है इसलिए अकबर ने मानसिह को जान से मारने की योजना सोचने लगा| उसने उस वेद्य को बुलाया जो उसका उपचार कर रहा था उसने हकीम से कहा कि ऐसी जहर की गोली बनायी जाए जो धीरे धीरे असर करे ओर उसकी कोई काट न हो ओर आदमी धीरे धीरे मर जाए | हकीम ने ऐसा ही एक गोली बनाई फिर अकबर ने दो 
रसगुल्ले बनवाए ओर उनमे एक रसगुल्ले मे वो जहर की गोली रखवा दी ओर दोनो रसगुल्लो पर अलग अलग वक्र चढा दिए ताकि पहचान हो कौनसे मे जहर की गोली है | फिर अकबर ने मानसिह को बुलाया ओर उससे रसगुल्ला खाने को कहा लेकिन पता नही कैसे अकबर ने गलती से जहर वाला रसगुल्ला खुद खा लिया| धीरे धीरे अकबर की तबीयत बिगडने लगी ओर रात्रि मे उसे अपना दम घुटती महसूस होने लगा हकीम ने उसे कई दवाईया दी लेकिन किसी का कोई असर नही हुआ अकबर का समय निकट था|
अकबर ने किसी तरह सलीम को अपने पास बुलाया ओर उसे बादशाह घोषित किया ओर अपनी कटार सलीम के पीठ पर बंधवा दी|
लेकिन सलीम को अपने बादशाह बनने से खुशी नही थी क्युकि उसकी मूल इच्छा तो ईरानी विवाहित औरत एक कन्या की मा मेहरू मे अटकी थी|
बादशाह बनने के बाद सलीम ने शेर अफगान को दूर किसी मिशन पर भेज दिया ओर सलीम गुप्त रूप से मेहरू से भेट करने गया ओर मेहरू को निकाह का प्रस्ताव भी दिया यहा तक की उसे शहजादी बनने का लालच भी दिया लेकिन मेहरू ने इंकार कर दिया उस दिन जहागीर बहुत क्रोधित हुआ ओर उसने इतनी मदिरा पी ओर नशे मे बडबडाने लगा | इस तरह सलीम ने कई बार मेहरू को मनाने की कोशिश की लेकिन हर बार वो असफल रहा लेकिन वो मेहरू से इतना प्रेम करता था कि उसने कभी जबरदस्ती नही कि नही तो मुगल खानदान मे तो जो सुन्दर युवती दिखती उसे लौंडी भी बना लिया जाता था लेकिन सलीम ने मेहरू को लौंडी नही बनाया|
लेकिन सलीम था तो पागल आशिक उसने शेर अफगान का धोखे से आगरा मे कत्ल कर दिया ओर मेहरू को निकाह का सन्देश भेजा लेकिन फिर मेहरू ने अस्वीकार कर दिया| इसी तरह बार बार असफल होने के बाद अन्त मे सन१६११ मे मेहरु ने उसे निकाह करने की स्वीकृति दी ओर इस प्रकार ४२ वर्ष की आयु मे जब जहागीर खुद दादा बन चुका था तब उसने अपनी प्रेमिका मेहरू से निकाह किया|
इस प्रकार उस प्रेम कहानी का अन्त हुआ| जिसमे पुत्र को पिता के प्रति विद्रोह करना पडा,किसी सुहागीन को विधवा बनना पडा,ओर एक प्रेमी को अपनी प्रेमिका के लिए वर्षो प्रतिज्ञा करनी पडी|
यही मेहरू आगे चल कर इतिहास मे नूरजहा ,नूरमहल के नाम से प्रसिध्द हुई|
ऐसे महान आशिक को हमारा सलाम है|
harshad30.wordpress.com

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