Friday, October 30, 2015

raja man singh of Amer

राजा मान सिहं जी ( आमेर ) महान् सेनापति जिन्होनें अकबर को बनाया
भारत का सम्राट ......
 " मात सुणावैं बालगां,  खौफनाक रण-गाथ ।
काबुल भूली नह अजैं,  ओ खांड़ों ,ऎ हाथ ॥
भावार्थ :- काबुल की भूमी अभी तक यहां ( राजस्थान)  के वीरों द्वारा किये गये प्रचण्ड खड्ग प्रहारों को नही भूल सकी ।
   उन प्रहारों की भयोत्पादक गाथाओं को सुनाकर माताएं बालकों को आज भी डराकर सुलाती हैं।

राजा मानसिहं नें मुसलमान को मुसलमानों से लड़ाया और हिन्दुस्तान का इस्लामीकरण होने से बचाया अगर शायद उस समय राजा मानसिहं जी नही होते तो अब तक तो भारत या तो बर्बाद हो चुका होता या फिर इसका मुस्लीमिकरण हो जाता।
राजा मान सिहं जी ने काबुल के आतंकवादियों को  जो कई वर्षों से भारत में आकर काबुल में बनने वाले हथियारों का उपयोग करते औए हिन्दुस्तान में लुट मार डकैती के भाग जाते,  इस तरह यहां ले जाया हुआ धन आधा उन खतरनाक हथियार बनाने वालों को दे देते और आधा खुद रखते,  इसी को रोकने के लिए राजा मान नें  मुगलों से संधि कि और फिर वहां आमेर की सेना और मुगलों की सेना के साथ मिल कर काबुल के सारे हथियार बनाने वाले कारखाने नष्ट कर दिये और लोगो के मन में इतना भय पैदा कर दिया कि लोग केवल राजा मानसिहं के नाम से डरने लगे ।
और आज भी वहां कि माये अपने बेटों को राजा मान सिहं का नाम लेकर सुलाती हैं ।
नोट:- पुरी जानकारी हम आपको अगली पोस्ट में दे देंगे ॥

राजा मान सिहं जी ( आमेर ) सेनापति जिन्होनें अकबर को बनाया
भारत का सम्राट ……
” मात सुणावैं बालगां, खौफनाक रण-गाथ ।
काबुल भूली नह अजैं, ओ खांड़ों ,ऎ हाथ ॥
भावार्थ :- काबुल की भूमी अभी तक यहां ( राजस्थान) के वीरों द्वारा किये गये प्रचण्ड खड्ग प्रहारों को नही भूल सकी ।
उन प्रहारों की भयोत्पादक गाथाओं को सुनाकर माताएं बालकों को आज भी डराकर सुलाती हैं।
राजा मानसिहं नें मुसलमान को मुसलमानों से लड़ाया और हिन्दुस्तान का इस्लामीकरण होने से बचाया अगर शायद उस समय राजा मानसिहं जी नही होते तो अब तक तो भारत या तो बर्बाद हो चुका होता या फिर इसका मुस्लीमिकरण हो जाता।
राजा मान सिहं जी ने काबुल के आतंकवादियों को जो कई वर्षों से भारत में आकर काबुल में बनने वाले हथियारों का उपयोग करते औए हिन्दुस्तान में लुट मार डकैती के भाग जाते, इस तरह यहां ले जाया हुआ धन आधा उन खतरनाक हथियार बनाने वालों को दे देते और आधा खुद रखते, इसी को रोकने के लिए राजा मान नें मुगलों से संधि कि और फिर वहां आमेर की सेना और मुगलों की सेना के साथ मिल कर काबुल के सारे हथियार बनाने वाले कारखाने नष्ट कर दिये और लोगो के मन में इतना भय पैदा कर दिया कि लोग केवल राजा मानसिहं के नाम से डरने लगे ।
और आज भी वहां कि माये अपने बेटों को राजा मान सिहं का नाम लेकर सुलाती हैं ।
नोट:- पुरी जानकारी हम आपको अगली पोस्ट में दे देंगे ॥

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