Tuesday, October 20, 2015

JUNAGARH FORT {BIKANER}

JUNAGARH FORT {BIKANER}
बीकानेर का किला [जूनागढ]
=>लाल पत्थरो से बने इस भव्य किले का निर्माण बीकानेर के प्रतापी शासक रायसिँह ने करवाया था जो मुगल बादशाह अकबर और फिर जहाँगीर का प्रमुख एंव विशवत मनसबदार था।
=>बीकानेर के पुराने गढ कि नीव तो आदि मे बीकानेर यशस्वी संस्थापंक राव बीकाजी ने विं सवत 1542 [1485 ई] मे रखी थी।उनके द्वारा निर्मित प्राचीन किला नगर प्राचीन[शहरपनाह]के भीतर दक्षिण पच्चिम मे एक ऊँची चट्टान पर विधमान है।जो "बीकाजी कि टेकरी" कहलाती है।
=>महाराजा रायसिँह ने बीकानेर के वर्तमान भव्य दुर्ग जुनागढ का निर्माण करवाया।
=>बीकानेर के राजाओ द्रारा मुगलो कि अधीनता स्वीकार करने उनसे राजनैतिक मित्रता और निकट सम्बन्द कि वजह से बीकानेर के इस किले पर कोई बडे आक्रमण नही हुए।
=>1733 ईँ मे नागौर के अधिपति बखतसिँह ने अपने भाई जोधपुर के महाराजा अभयसिँह के साथ एक विशाल सेना लेकर बीकानेर पर आक्रमण किया परन्तु वे विफल रहे।
=>1740 ई मे जोधपुर के महाराजा अभयसिँह ने बीकानेर पर चढाई कि।इस शक्तिशाली सेना ने बीकानेर नगर मे बहुत विंध्वस किया तथा जूनागढ पर तोपो के गोले बरसाये। संकट कि इस घडी मे बीकानेर के महाराजा जोरावरसिँह ने जयपुर नरेश सवाईजयसिँह से सहायता करने का अनुरोध किया।इस पर महाराजा सवाईसिँह ने जोधपुर के महाराजा अभयसिँह को[जो उनके दामाद भी थे] चेतावनी देते हुए सन्देशा भेजा कि वह तत्काल बीकानेर का घेरा उठा ले। लेकिन अभयसिह नही माने तो सवाई जयसिँह ने तीन लाख कि विशाल सेना के साथ जोधपुर पर चढाई कर दि।अब अभयसिँह को विवश होकर बीकानेर का घेरा उठाना पडा।
=>सुरजपोल दरवाजे पर अपने वीर पतियो के साथ स्वर्गारोहण करने वाली विरांगनाओ के हाथ के छापे भी अंकित है।सुरजपोल कि एक अन्य विशेष बात यह है कि इसके दोनो तरफ 1567 ई के चितौड के साके मे वीरगति पाने वाले दो इतिहास प्रसिद्ध वीरो जयमल मेडतिया और उनके बहनोई आमेट के रावत पता सिसोदिया कि गजारुढ मुर्तिया स्थापित है।अकबर ने भी आगरा के किले के प्रवेश द्वार पर वीरवर जयमल और पता कि ऐसी ही गजारुढ प्रतिमाये स्थापित करवायी थी।
=>रायसिँह का चौबारा,फूल महल,चन्द्र महल,गज मन्दिर,अनुप महल,रत्न निवास,रंग महल,कर्ण महल,दलेल निवास,चीनी बुर्ज,सुनहरी बुर्ज,विक्रम विलास,सुरत निवास,मोती महल,कुंवरपदा और जालीदार बारहदरियां प्रमुख है।
=>बीकानेर के अंतिम महाराजा डाँ करणीसिँह थे।
=>बीकानेर के किले मे अनुपमहल कि दिवारो पर सोने कि पच्चीकारी का काम किया गया है।इस भव्य महल मे बीकानेर के राजाऔ का राजतिलक होता था।
=>जूनागढ कि एक प्रमुख विशेषता है कि इसके प्रांगण मे दुर्लभ प्राचीन वस्तुओ,शस्त्रास्त्रो,देव प्रतिमाओ विविध प्रकार के पात्रो तथा फारसी व संस्क्रत मे लिखे गए हस्तलिखित ग्रन्थो का बहुत समृद्ध संग्रहालय है।
From rajput unity 

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