Saturday, February 7, 2015

Mahatma Gandhi wanted to marry Ravindranath Tagore's neice at 50 yrs of age

५० साल की उम्र में गांधीजी रवींद्रनाथ टागोर की भांजी से करना चाहते थे दूसरी शादी !

अनेकों पुस्तकों में महात्मा गांधी से कई स्त्रियों के संबधों का दावा किया गया है। लेकिन इसमें सबसे चर्चास्पद मामला रहा है, महात्मा गांधी और सरला देवी के संबंधों को लेकर। महात्मा गांधी और सरलादेवी शादी करना चाहते थे। उल्लेखनीय है सरलादेवी रवींद्रनाथ टैगोर की बड़ी बहन की बेटी थीं।

स समय ५० वर्षीय बापू चार संतानों के पिता बन चुके थे…

इतिहास की अनेकों पुस्तकों में महात्मा गांधी से कई स्त्रियों के संबधों का दावा किया गया है। लेकिन इसमें सबसे चर्चास्पद मामला रहा है, महात्मा गांधी और सरला देवी के संबंधों को लेकर। उल्लेखनीय है कि सरलादेवी रवींद्रनाथ टैगोर की बड़ी बहन की बेटी थीं।
कस्तूरबा
सरलादेवी
सुशीला नायर
गांधीजी के ७१ वर्षीय पोते राजमोहन गांधी ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि अपनी विवेकबुद्धि के लिए प्रख्यात महात्मा गांधी विवाहित और चार संतानों के पिता होने के बावजूद भी सरलादेवी के प्रेम में पड़ गए थे। इतना ही नहीं, वे सरला से शादी करने के लिए भी तैयार हो गए थे। सरलादेवी गांधीजी की पत्नी कस्तूरबा की तुलना में काफी प्रतिभाशाली और बुद्धिमान थीं और वे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थीं।
परिवार और राष्ट्रहित के लिए उन पर भी गांधीजी से संबंधों पर पूर्ण विराम लगाने का दबाव डाला गया। राजमोहन के अनुसार गांधीजी का यह प्रेम प्रकरण सीक्रेट नहीं था, बल्कि यह बात दोनों परिवारों में सबको मालूम थी।
सरलादेवी के पति चौधरी राम भाजी दत्त स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य रूप से सक्रिय थे। जब वे जेल में थे, तब उन्होंने ही सरलादेवी को महात्मा गांधी के घर पर रहने के लिए कहा था। बताया जाता है कि इसी बीच महात्मा गांधी और सरलादेवी एक-दूसरे के नजदीक आए थे। इन्होंने तो ‘आध्यात्मिक लग्न’ कर लेने का आयोजन भी कर लिया था, जिसका गांधीजी के बेटे देवदास गांधी ने भारी विरोध किया था।
सरलादेवी के अलावा गांधीजी के कुछ अन्य स्त्रियों से संबंधों का भी दावा किया जाता है। इसमें ब्रिटिश एडमिरल की बेटी मेडेलीन स्लेड, सुशीला नायर और दो मानसपुत्रियों मनु तथा आभा गांधी का भी नाम शामिल है।
महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ में लिखा है कि जब उनके पिता मरणासन्न की स्थिति में थे, तब वे कस्तूरबा से शारीरिक संबंध स्थापित कर रहे थे, इसी बीच दूसरे कमरे में उनके पिता की मृत्यु हुई थी। इस घटना के बाद से सेक्स के प्रति महात्मा गांधी की रुचि कम हो गई और वे मानने लगे कि जब दंपति को संतान उत्पन्न करना हो, तभी शारीरिक संबंध स्थापित करने चाहिए।

इतना ही नहीं, महात्मा गांधी अपने ब्रह्मचर्य की परीक्षा लेने के लिए सुशीला नायर और टीनएज मनु तथा आभा के साथ सह-स्नान और नग्न होकर सोने के प्रयोग भी किया करते थे। महात्मा गांधी के ये प्रयोग भारी विवाद का मुद्दा भी बना था। इसे लेकर आश्रमवासियों और उनके परिवारजनों ने उनसे नाराजगी भी प्रकट की थी।
मनु तथा आभा
source-

Dainik bhaskar

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