
कर्नल राय को आतंकियों की पिता और भाई की बात पर विश्वास करना जानलेवा साबित हुआ।
हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी आबिद और अपने एक साथी शिराज के साथ घर आया हुआ था। कर्नल राय को जैसे ही इसकी खबर मिली, उन्होंने तुरंत घर के आसपास नाकेबंदी कर दी।
इस दौरान आतंकी आबिद के पिता जलालुद्दीन ने कर्नल राय को बताया कि उनका बेटा सरेंडर करना चाहता है। जलालुद्दीन के दूसरे बेटे उवैस ने भी दोनों आतंकियों के सरेंडर करवाने की बात कही।
जब कर्नल राय घर वालों से बातचीत कर ही रहे थे, तभी दोनों आतंकियों ने बाहर निकलकर गोलियां बरसा दीं। इस गोलीबारी में कर्नल राय और सिपाही संजीव बुरी तरह घायल हो गए। लेकिन कर्नल राय ने गजब का शौर्य दिखाते हुए दोनों आतंकियों को भी ढेर कर दिया।
श्रीनगर में सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने आतंकी के पिता और भाई ने आकर यकीन दिलाया था। ऐसे हालात में आतंकियों को सरेंडर का पूरा मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने हमला कर दिया।
कर्नल राय का आखिरी मेसेज कर्नल राय का कुछ दिनों पहले वॉट्सऐप पर अपडेट किया गया मेसेज उन पर बिल्कुल सच हुआ। उन्होंने लिखा था, 'जिंदगी में बड़ी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार कि पर्दा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें।'
Thanks Sudhakar Mishra ji.
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