लिली डेल: आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है परन्तु यह बिल्कुल सच है कि यहां रहने वाले हर व्यक्ति के पास या तो सुपरनेचुरल पॉवर्स है या फिर उसने किसी न किसी भूत-प्रेत या शैतान को अपने काबू में कर रखा है।

बौनों का गांव: चीन के इस छोटे से गांव के लोगों को देखते ही आपको समझ आ जाएगा कि इस जगह को बौनों का गांव क्यों कहा जाता है। यहां रहने वाले सभी लोगों की आबादी हाईट में काफी कम है हालांकि अब सामान्य कद-काठी के लोगों ने यहां पर अपना टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना लिया है।

एलिस्टा: रशिया के इस छोटे से शहर की नींव शतरंज सिटी के रूप में रखी गई थी। इसे बनाते समय आर्किटेक्ट और डिजाइनर्स सभी शतरंज से इतने अधिक प्रेरित थे कि उन्होंने शतरंज को ही थीम बना कर पूरा शहर बसा डाला जिससे इसका नाम भी चेस सिटी पड़ गया।

रोजवेल: विश्व के रोचक रोजवेल यूएफओ घटना के बाद से न्यू मैक्सिकों के इस स्थान का नाम ही यूएफओ टाउन पड़ गया। यहां रहने वाले लोग अक्सर यूएफओ देखे जाने की पुष्टि करते रहे हैं। हालांकि इनकी वैज्ञानिक पुष्टि कभी नहीं की जा सकी।
मोनोवी: नेब्रास्का के इस छोटे से कब्जे की आबादी कुल 1 व्यक्ति है। यहां केवल एकमात्र बूढ़ी औरत रहती है जोकि एक बार और पब्लिक लाइब्रेरी चलाती है। और सारे काम वहीं करती है।

बौनों का गांव: चीन के इस छोटे से गांव के लोगों को देखते ही आपको समझ आ जाएगा कि इस जगह को बौनों का गांव क्यों कहा जाता है। यहां रहने वाले सभी लोगों की आबादी हाईट में काफी कम है हालांकि अब सामान्य कद-काठी के लोगों ने यहां पर अपना टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना लिया है।
एलिस्टा: रशिया के इस छोटे से शहर की नींव शतरंज सिटी के रूप में रखी गई थी। इसे बनाते समय आर्किटेक्ट और डिजाइनर्स सभी शतरंज से इतने अधिक प्रेरित थे कि उन्होंने शतरंज को ही थीम बना कर पूरा शहर बसा डाला जिससे इसका नाम भी चेस सिटी पड़ गया।
रोजवेल: विश्व के रोचक रोजवेल यूएफओ घटना के बाद से न्यू मैक्सिकों के इस स्थान का नाम ही यूएफओ टाउन पड़ गया। यहां रहने वाले लोग अक्सर यूएफओ देखे जाने की पुष्टि करते रहे हैं। हालांकि इनकी वैज्ञानिक पुष्टि कभी नहीं की जा सकी।
मोनोवी: नेब्रास्का के इस छोटे से कब्जे की आबादी कुल 1 व्यक्ति है। यहां केवल एकमात्र बूढ़ी औरत रहती है जोकि एक बार और पब्लिक लाइब्रेरी चलाती है। और सारे काम वहीं करती है।
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