Friday, May 2, 2014

SONIYA GANDHI ,VATICAAN,ROME AGENT, CORRUPT AND ITS VATICAN MISSION TO DESTROY INDIA


KNOW ABOUT SONIYA GANDHI AND RAHUL
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bofors money gone to soniya's sister-bofors scams

Daily bhaskar comn article sonia planned Indira Rajiv Assassination
REAL IDENTITY OF SONIYA VINCI
Indira Gandhi wanted to remove Satwant Singh from security duty but Sonia persisted on keeping him.
It was her bodyguard Satwant Singh who later shot Indira Gandhi.
Sudarshan added that another point that further implicates Sonia Gandhi is that she took a critically injured Indira Gandhi to All India Institute of Medical Sciences instead of Ram Manohar Lohia Hospital , which is nearer.
''It was only after Rajiv Gandhi took oath did she let the news of Indira’s death out."
Rajiv was suspicious
Sudharshan claims that Rajiv was suspicious of Sonia's actions and even wanted a separation however he added that before he could do so, Sonia planned his assassination too.
It was on Sonia’s demand that Rajiv Gandhi did not get Z plus security during the Shriperumbudur meeting.
कांग्रेस पार्टी और खुद सोनिया गांधी अपनी पृष्ठभूमि के बारे में जो बताते हैं , वो तीन झूठों पर टिका हुआ है। पहला ये है कि उनका असली नाम अंतोनिया है न की सोनिया। यह बात इटली के राजदूत ने नई दिल्ली में 27 अप्रैल 1973 को गृह मंत्रालय को लिखे एक पत्र में जिसे कभी सार्वजनिक नहीं किया जाहिर की थी। इसके अनुसार सोनिया का असली नाम अंतोनिया ही उनके जन्म प्रमाणपत्र के अनुसार सही है। सोनिया ने इसी तरह अपने पिता का नाम स्टेफनो मैनो बताया था। स्टेफनो नाजी आर्मी के वालिंटियर सदस्य तथा दूसरे विश्व युद्ध के समय रूस में युद्ध बंदी थे। कई इतालवी फासिस्टों ने ऐसा ही किया था। सोनिया दरअसल इतालवी नहीं बल्कि रूसी नाम है।

सोनिया के पिता रूसी जेलों में दो साल बिताने के बाद रूस समर्थक हो गये थे। अमेरिकी सेनाओं ने इटली में सभी फासिस्टों की संपत्ति को तहस-नहस कर दिया था। सोनिया ओरबासानो में पैदा नहीं हुईं , जैसा कि सांसद बनने पर उनके द्वारा प्रस्तुत बायोडाटा में लिखा गया है। उनका जन्म लुसियाना में हुआ था । वह सचयह इसलिए छिपाने की कोशिश करती हैं ताकि उनके पिता के नाजी और मुसोलिनी संपर्कों का पता न चले साथ ही उनके परिवार के संपर्क इटली के भूमिगत हो चुके नाजी फासिस्टों से द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने तक बने रहने का सच सबको ज्ञात न हो जाए। लुसियाना इटली-स्विस सीमा पर नाजी फासिस्ट नेटवर्क का मुख्यालय था ।

तीसरा सोनिया गांधी ने हाईस्कूल से आगे की पढ़ाई कभी की ही नहीं, लेकिन उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों के दौरान रायबरेली में चुनाव लड़ने के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर के सम्मुख अपने चुनाव नामांकन पत्र में उन्होंने झूठा हलफनामा दायर किया कि वे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में डिप्लोमाधारी हैं। इससे पहले 1989 में लोकसभा में अपने बायोग्राफिकल में भी उन्होंने अपने हस्ताक्षर के साथ यही बात लोकसभा के सचिवालय के सम्मुख पेश की थी। बाद में लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में उन्होंने इसे मानते हुए इसे टाइपिंग की गलती बताया।

सत्य यह है कि श्रीमती सोनिया गांधी ने कभी किसी कालेज में पढाई की ही नहीं। वह पढ़ाई के लिए गिवानो के कैथोलिक नन्स द्वारा संचालित स्कूल मारिया आसीलेट्रिस गईं, जो उनके कस्बे ओरबासानों से 15 किलोमीटर दूर था। उन दिनों गरीबी के चलते इटली की लड़कियां इन मिशनरीज में जाती थीं और फिर किशोरवय में ब्रिटेन ताकि वहां वो कोई छोटी-मोटी नौकरी कर सकें। मैनो उन दिनों गरीब थे। सोनिया के पिता और माता की हैसियत बेहद मामूली थी और अब वो दो बिलियन पाउंड की अथाह संपत्ति के मालिक हैं। इस तरह सोनिया ने लोकसभा और हलफनामे के जरिए गलत जानकारी देकर आपराधिक काम किया है, जिसके तहत न केवल उन पर अपराध का मुकदमा चलाया जा सकता है बल्कि वो सांसद की सदस्यता से भी वंचित की जा सकती हैं। यह सुप्रीम कोर्ट की उस फैसले की भावना का भी उल्लंघन है कि सभी उम्मीदवारों को हलफनामे के जरिए अपनी सही पढ़ाई-लिखाई से संबंधित योग्यता को पेश करना जरूरी है।

सोनिया गांधी ने इन तीन झूठों से सच छिपाने की कोशिश की। इसके पीछे उनके उद्देश्य कुछ अलग थे। सोनिया गांधी ने इतनी इंग्लिश सीख ली थी कि वो कैम्ब्रिज टाउन के यूनिवर्सिटी रेस्टोरेंट में वैट्रेस (महिला बैरा) बन सकीं। वे विद्यार्थी राजीव गांधी से पहली बार 1965 में तब मिली जब राजीव् रेस्टोरेंट में आये। राजीव लंबे समय तक अपनी पढ़ाई के साथ तालमेल नहीं बिठा पाये इसलिए उन्हें 1966 में लंदन भेज दिया गया , जहां उनका दाखिला इंपीरियल कालेज ऑफ इंजीनियरिंग में हुआ। उस समय सोनिया भी लंदन में थीं। उन्हें लाहौर के एक व्यवसायी सलमान तासिर के आउटफिट में नौकरी मिल गई। तासीर की एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंपनी का मुख्यालय दुबई में था लेकिन वो अपना ज्यादा समय लंदन में बिताते थे। आईएसआई से जुडे होने के लिए उनकी ये प्रोफाइल जरूरी थी।

राजीव माँ इंदिरा गांधी द्वारा भारत से भेजे गये पैसों से कहीं ज्यादा पैसे खर्च देते थे। सोनिया अपनी नौकरी से इतना पैसा कमा लेती थीं कि राजीव को लोन उधार दे सकें। इंदिरा ने राजीव की इस आदत पर 1965 में गुस्सा जाहिर किया था श्री पी. एन. लेखी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किये गये राजीव के छोटे भाई संजय को लिखे गये पत्र में साफ तौर पर संकेत दिया गया है कि वह वित्तीय तौर पर सोनिया के काफी कर्जदार हो चुके थे और उन्होंने संजय से जो उन दिनों खुद ब्रिटेन में थे और खासा पैसा उड़ा कर कर्ज में डूबे हुए थे से मदद हेतु थे अनुरोध किया था।

उन दिनों सोनिया केवल राजीव गांधी ही नहीं, बल्कि माधवराव सिंधिया और स्टीगलर नाम का एक जर्मन युवक भी सोनिया के अच्छे मित्रों में थे। माधवराव की सोनिया से दोस्ती राजीव की सोनिया से शादी के बाद भी जारी रही। 1972 में एकरात दो बजे माधवराव आई.आई.टी. दिल्ली के मुख्य गेट के पास एक एक्सीडेंट के शिकार हुए और उन्हें बुरी तरह चोटें आईं । उसी समय आई.आई.टी. का एक छात्र बाहर था। उसने उन्हें कार से निकाल कर ऑटोरिक्शा में बिठाया और साथ में घायल सोनिया को श्रीमती इंदिरा गांधी के आवास पर भेजा जबकि माधवराव सिंधिया का पैर टूट चुका था और उन्हें इलाज की दरकार थी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाया। दिल्ली पुलिस वहां तब पहुंची जब सोनिया वहां से जा चुकी थीं।

बाद के सालों में माधवराव सिंधिया व्यक्तिगत तौर पर सोनिया के बड़े आलोचक बन गये थे और उन्होंने अपने कुछ नजदीकी मित्रों से अपनी आशंकाओं के बारे में भी बताया था। कितना दुर्भाग्य है कि वो 2001 में एक विमान हादसे में मारे गये। मणिशंकर अय्यर और शीला दीक्षित भी उसी विमान से जाने वाले थे लेकिन उन्हें आखिरी क्षणों में फ्लाइट से न जाने को कहा गया। वो हालात भी विवादों से भरे हैं जब राजीव ने ओरबासानो के चर्च में सोनिया से शादी की थी , लेकिन ये प्राइवेट मसला है , इसका जिक्र करना ठीक नहीं होगा। इंदिरा गांधी शुरू में इस विवाह के सख्त खिलाफ थीं , उसके कुछ कारण भी थे जो उन्हें बताये जा चुके थे। वो इस शादी को हिन्दू रीतिरिवाजों से दिल्ली में पंजीकृत कराने की सहमति तब दी जब सोवियत समर्थक टी. एन. कौल ने इसके लिए उन्हें प्रेरित किया , उन्होंने सोवियत संघ के चाहने पर इंदिरा जी से कहा कि यह शादी भारत-सोवियत दोस्ती के वृहद सम्बन्ध में बेहतर कदम साबित हो सकती है।

सोनिया गाँधी उर्फ़ ANTONIA MAINO का भारत को बर्बाद करने का षड्यंत्र जिसमे उसकी बहनें भी शामिल जरुर पढ़ें और शेयर करें !

सीबीआई ने सोनिया गाँधी के बहन के खिलाफ भारतीय पुरात्व और दुर्लभ चीजों की तस्करी के केस दर्ज किया था . लेकिन जाँच करने वाले चार अधिकारियो का या तो डिमोशन कर दिया गया या उन्हें हटा दिया गया

इटली मे सोनिया गाँधी के जन्म स्थान अल्ब्सनो मे स्थित उसकी बहन के स्टोर "गणपति " का बिजनस कार्ड .. इस स्टोर मे भारत से स्मगलिंग करके बहुमूल्य चीजे बेचीं जाती है

इटली मे सोनिया गाँधी के जन्म स्थान अल्ब्सनो मे स्थित उसकी बहन के स्टोर "गणपति " का बिजनस कार्ड .. इस स्टोर मे भारत से स्मगलिंग करके बहुमूल्य चीजे बेचीं जाती है.

अब सोनिया गाँधी का इससे भी बड़ा फ्राड क्या हों सकता है ? इसने 1983 मे भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दिया फिर इसका नाम 1980 के वोटर लिस्ट मे कैसे शामिल हों गया ?देखिये कितनी झूठी है ये सोनिया . आज ये आपने आपको भारतीय बताती है लेकिन आज भी ये इटली की नागरिकता के लिए हर १० साल मे आवेदन देती है ..और ये अपना असली नाम हम भारतियो से छुपाती है .

मित्रों सोनिया गाँधी और उसके पूरे खानदान के काले कारनामो को जानने के लिए इटली के जाने माने पत्रकार जोविय्र मोरो की लिखी किताब द अल सारी रोजो " द रेड साडी " जरुर पढे .. भारत मे ये किताब प्रतिबंधित है लेकिन आप इसे पोस्ट से इटली से मंगा सकते है . The-Red-Sari


Photo: भारत की नीच, दोगली और दलाल मीडिया खामोश है .... जबकि इटली की मीडिया ब्रेकिंग न्यूज़ में आगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में सोनिया गाँधी और अहमद पटेल के द्वारा कमिशन खाए जाने के सुबूत मिलने को दिखा रहा है |

इटली के सभी टीवी चैनेलो और अखबारों में आज सोनिया गाँधी और अहमद पटेल छाए हुए है ... इटली के अखबारों ने सोनिया गाँधी और अहमद पटेल के द्वारा इस सौदे के दलाल और फेनोनिका कम्पनी के मालिक को लिखी चिठ्ठी छापी है .. एक चिठ्ठी में अहमद पटेल लिखते है की मैडम अमेरिका में इलाज के दौरान आपसे मिलेंगी ... एक चिठ्ठी खुद सोनिया ने लिखी है और कहा है की आप परेशान मत हो ये सौदा आपको ही मिलेगा —
भारत की नीच, दोगली और दलाल मीडिया खामोश है जबकि इटली की मीडिया ब्रेकिंग न्यूज़ में आगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में सोनिया गाँधी और अहमद पटेल के द्वारा कमिशन खाए जाने के सुबूत मिलने को दिखा रहा है |
इटली के सभी टीवी चैनेलो और अखबारो में आज सोनिया गाँधी और अहमद पटेल छाए हुए है ... इटली के अखबारों ने सोनिया गाँधी और अहमद पटेल के द्वारा इस सौदे के दलाल और फेनोनिका कम्पनी के मालिक को लिखी चिठ्ठी छापी है .. एक चिठ्ठी में अहमद पटेल लिखते है की मैडम अमेरिका में इलाज के दौरान आपसे मिलेंगी .एक चिठ्ठी खुद सोनिया ने लिखी है और कहा है की आप परेशान मत हो ये सौदा आपको ही मिलेगा —

ये गाँधी खानदान असल मे विदेशी ताकतों का जासूस है जो धीरे धीरे इस देश को खोखला करना चाहता है .. ये रिपोर्ट किसी मामूली अखबार मे नहीं छपा है बल्कि "द हिंदू " मे छपा है .

देखिये इस मक्कार और महा झूठी महिला ने लोकसभा को अपने बारे मे तमाम झूठी बाते बताई थी 
Rahul Gandhi real last name is vinci- RAHUL VINCI( NO GANDHI)
SONIYA GANDHI WANTS TO CREATE VATICAN COUNTRY IN INDIA- LINK -WIKILEAKS
Photo: Accept it,  my hindu fellowmen. 

We Have All Been Had. 
And How!

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