Wednesday, July 2, 2014

पाइप से बनाया प्रदूषण कम करने वाला यंत्र

10वीं पास सुधीर का कमाल, पाइप से बनाया प्रदूषण कम करने वाला यंत्र..
10वीं पास सुधीर का कमाल, पाइप से बनाया प्रदूषण कम करने वाला यंत्र..

रेवाड़ी - पढ़ाई बेशक 10वीं कक्षा तक ही की, मगर इरादे ऐसे कि उसके आगे बड़े-बड़े इंजीनियर भी मात खा जाएं। भांडौर निवासी सुधीर कुमार ऐसा ही शख्स है, जिसके प्रयोगों ने बड़े-बड़े इंजीनियरों को भी हैरत में डाल दिया है। 

सुधीर ने न तो कोई इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और न ही कहीं से कोई ट्रेनिंग। महज दसवीं पास युवक ने कई तरह के तकनीकी यंत्रों को बनाकर अपनी अलग पहचान कायम की है। बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के उसने एक ऐसा यंत्र तैयार किया है, जिसे बाइक में लगाते ही प्रदूषण की मात्रा कम हो जाती है। बाकायदा प्रदूषण मापने वाली मशीनें भी इस बात का प्रमाण दे चुकी है कि सुधीर द्वारा बनाया गया यंत्र लगाने पर प्रदूषण लेवल में 30 फीसदी तक कमी आ जाती है।

फिलहाल इस यंत्र को प्लास्टिक का बनाया गया है। सुधीर का कहना है कि यदि इसी तकनीक को डेवलप कर यह सिस्टम मेटल का बनाया जाए तो यह और भी कारगर साबित होगा। उसने दावा किया कि इस तकनीक को गाड़ियों, भट्ठे, फैक्ट्रियों के अलावा बिजली प्लांट में भी प्रयोग किया जाए तो एयर पॉल्युशन 60 से 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इस तरह हम वायु प्रदूषण से धरती की रक्षा कर सकते हैं।

प्लास्टिक के पाइप काटकर बनाया यंत्र

बीते दो सालों से सुधीर प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले इस यंत्र को तैयार करने में जुटा हुआ था। उसने घर में बेकार पड़े प्लास्टिक पाइप को काटकर उसमें फिल्टर लगाया। कुछ और तकनीकी काम कर यंत्र को तैयार किया गया। पाइप में लगे फिल्टरों की सहायता से ही वाहन का प्रदूषण नियंत्रित होता है। रेवाड़ी - पढ़ाई बेशक 10वीं कक्षा तक ही की, मगर इरादे ऐसे कि उसके आगे बड़े-बड़े इंजीनियर भी मात खा जाएं। भांडौर निवासी सुधीर कुमार ऐसा ही शख्स है, जिसके प्रयोगों ने बड़े-बड़े इंजीनियरों को भी हैरत में डाल दिया है।
सुधीर ने न तो कोई इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और न ही कहीं से कोई ट्रेनिंग। महज दसवीं पास युवक ने कई तरह के तकनीकी यंत्रों को बनाकर अपनी अलग पहचान कायम की है। बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के उसने एक ऐस...ा यंत्र तैयार किया है, जिसे बाइक में लगाते ही प्रदूषण की मात्रा कम हो जाती है। बाकायदा प्रदूषण मापने वाली मशीनें भी इस बात का प्रमाण दे चुकी है कि सुधीर द्वारा बनाया गया यंत्र लगाने पर प्रदूषण लेवल में 30 फीसदी तक कमी आ जाती है।
फिलहाल इस यंत्र को प्लास्टिक का बनाया गया है। सुधीर का कहना है कि यदि इसी तकनीक को डेवलप कर यह सिस्टम मेटल का बनाया जाए तो यह और भी कारगर साबित होगा। उसने दावा किया कि इस तकनीक को गाड़ियों, भट्ठे, फैक्ट्रियों के अलावा बिजली प्लांट में भी प्रयोग किया जाए तो एयर पॉल्युशन 60 से 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इस तरह हम वायु प्रदूषण से धरती की रक्षा कर सकते हैं।
प्लास्टिक के पाइप काटकर बनाया यंत्र
बीते दो सालों से सुधीर प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले इस यंत्र को तैयार करने में जुटा हुआ था। उसने घर में बेकार पड़े प्लास्टिक पाइप को काटकर उसमें फिल्टर लगाया। कुछ और तकनीकी काम कर यंत्र को तैयार किया गया। पाइप में लगे फिल्टरों की सहायता से ही वाहन का प्रदूषण नियंत्रित होता है।
 

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